बांग्लादेश में हिंदू धर्मगुरु की गिरफ्तारी पर भारत ने व्यक्त की गहरी चिंता

India expressed deep concern over the arrest of Hindu religious leader in Bangladesh

नई दिल्ली। भारत ने मंगलवार को बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता और चटगांव के पुंडरीक धाम के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी और उन्हें जमानत न दिए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की। दास को सोमवार शाम ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच ने हिरासत में लिया था।

क्या है मामला?
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चिन्मय कृष्ण दास पर 31 अक्टूबर को दर्ज एक मामले के तहत आरोप लगाए गए हैं। मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव की अदालत में पेश किया गया, जहां उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई और उन्हें जेल भेज दिया गया।

ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने दास को चटगांव मेट्रोपॉलिटन पुलिस को सौंप दिया। उनकी गिरफ्तारी को लेकर भारत सरकार ने मंगलवार को अपनी प्रतिक्रिया दी।

भारत का बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हम बांग्लादेश में हिंदू धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और उन्हें जमानत न दिए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं। यह घटना बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे चरमपंथी हमलों की पृष्ठभूमि में बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”

बयान में कहा गया कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के घरों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और धार्मिक स्थलों पर हमले हो रहे हैं, लेकिन अपराधियों पर कार्रवाई के बजाय शांतिपूर्ण मांगें उठाने वालों को निशाना बनाया जा रहा है।

अल्पसंख्यकों पर हमले और भारत की अपील
भारत ने बांग्लादेश सरकार से अपील की है कि वह हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। इसमें शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार भी शामिल है।

बांग्लादेश की सरकार पर आरोप
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर हिंदू समुदाय पर अत्याचार के आरोप लग रहे हैं। मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ बांग्लादेश के हिंदू समुदाय के कई नेताओं ने आवाज उठाई है।

दास की गिरफ्तारी और उसके बाद के घटनाक्रम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।

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